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महर्षि महामानस प्रवचन (भाग-२)

  • mahadharma
  • Sep 14, 2019
  • 1 min read

मनुष्य का जन्म अपने धर्म, मानवधर्म के साथ ही होता है। उस मानवधर्म को हटाकर उस पर दूसरा धर्म थोपा जाता है। ~महर्षि महामानस



बच्चों पर धार्मिक विश्वास थोपना अमानवीय कृत्य है। ~महर्षि महामानस




वास्तविक मानव विकास के लिए पूरे भारत में 'महामनन' आत्मविकास शिक्षाक्रम चालू करना जरूरी है। आपके क्या विचार है?


चारो ओर मानव-केन्द्रित संघर्ष, समस्याएं और संकट जो लगातार बढ़ते जा रहे हैं, अधिकांश समस्याओ का मुख्य कारण है: ज्ञान और चेतना की कमी, शरीर और मन की बीमारी और, इसका एकमात्र समाधान है, देशव्यापी 'महामनन' बुनियादी शिक्षा (self development education)। शरीर और मन की भलाई सहित मानसिक और समग्रीक विकास के लिए 'महाधर्म' या 'महामनन' अभ्यास करें। पिछले धर्म को छोड़े बिना, मानव धर्म - 'महाधर्म' को स्वीकार किया जा सकता है। यह धर्म पारंपरिक धर्म की तरह नहीं है। इस धर्म का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक और स्वस्थ बनाना है।

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