'भाग्य' वास्तव मे क्या है!
'भाग्य'~ स्वयंसृष्ट स्वयंक्रिय (कार्य-कारण और क्रिया-प्रतिक्रिया कि माध्यम से) परम्परागत घटनाक्रम के साथ एक महाजागतिक व्यवस्था या प्रणाली (सिस्टम) है।
एक महा विस्फोट के माध्यम से ब्रह्मांड सृष्टि होने के साथ साथ ही यह भाग्य अस्तित्व में आया है।
कोई बम विस्फोट के क्षण से पारंपरिक रूप से होने वाली सभी घटनाओं (कब क्या होगा), वह बम विस्फोट के साथ ही स्वयंक्रीय रूप से निर्धारित हो जाता है।
'भाग्य' के नाम पर इस ब्रह्मांडीय प्रणाली या सिस्टम का जन्म-लग्न से ही स्वचालित रूप से निर्धारित हो गया है कि कब क्या होगा, कहां और कैसे होगा।
इसके पीछे कोई नियति या नियन्त्रक नहीं है, न ही कोई ईश्वर है। ईश्वर भी भाग्य के अधीन है।